राष्ट्रीय धर्म की रक्षा और निर्दोषों को बचाने के लिए हिंसा करनी पड़े तो यह “धर्मसम्मत मान्य” योग आदित्य नाथ का बड़ा बयान |

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By iminsane.abhishek@gmail.com

यह बयान योगी आदित्य नाथ ने भारत सेवाश्रम संघ सिगरा में दिया था। उन्होंने वह दुर्गा पूजा की पूजा अर्चना की ओर 100 महिलाओं को सिलाई मशीन का वितरण किया। योगी जी वाराणसी मे दुर्गा पूजा के अवसर पे कहा की सभी धर्मो का हमे सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा की जैसे की हिंदू धर्म अहिंसा पर जोड़ देता हैं।लेकिन इसका मतलब यह नहीं हैं की वे हिंसा को सहेंगे । इसीलिए धर्म और निर्दोषों की रक्षा के किया हिंसा करनी पड़े तो यह धर्मसम्म्त मान्य हैं।
कुछ लोगो ने किया पथराव कुशीनगर जिले में दुर्गा पूजा की प्रतिमा ले जाते समय कुछ लोगो ने पथराव का मामला सामने आया हैं। इसमें मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश भी की गई हैं।और कुछ लोग घायल भी हो गए हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी का बयान आया हैं।
योगी जी ट्वीट करके कहा योगी जी ने कहा की हिंदू
धर्म किसी का अंत नहीं चाहता हैं वह अहिंसा परमो धर्म: के साथ ही धर्म हिंसा तथैव च की भी बात करता हैं। यानी सेवा के कार्य से जुड़े दिन दुखियो सेवा के लिए जीवन समर्पित करे। लेकिन राष्ट्रीय धर्म की रक्षा और निर्दोष लोगों को बचाने के लिए हिंसा करनी पड़े तो यह धर्म सम्मत हैं।
कुछ लोगो को दी चेतावनी उन्होंने कहा की एक निश्चित वर्ग के लोगो को यह लगता हैं कि हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना और उनको
क्षतिग्रस्त करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार हैं तो यह उनकी बहुत बड़ी गलती है उन्होंने यह चेतवानी भी दी हैं की कानून को हाथ में लेने का दुसाहस न करे। अगर फिर भी ऐसा होता है तो उनपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
आदित्य नाथ योगी ने कहा की हर धर्म पंथ संप्रदाय की आस्था का सम्मान हैं । लेकिन किसी को भी कानून को हाथ में लेने की स्वतंत्रता नहीं होगी।

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