बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार हटने के बाद हिंदू लोगो को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। हिंदू समुदाय पर कई हमले की भाई खबरे आ रही हैं। इसी बीच दुर्गा पूजा के विरोध में भी कट्टरपंथी जगह जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे है। दुर्गापूजा बंगालियों का प्रमुख त्यौहार हैं। जिसका खुलेआम इस्लामिक कट्टरपंथी विरोध कर रहे है। उनका कहना है की हिंदू यहां अल्पसंख्यक मात्रा में हैं।तो इसे सार्वजनिक रूप से नही मनाया जाना चाहिए। इस देश में इस अवसर पर सार्वजनिक छुट्टी पर भी रोक लगाने की मांग की गई हैं।
कट्टरपंथियों की मांग
कट्टरपंथियों की मांग इनका कहना हैं की बांग्लादेश मे हिंदू नागरिकों की संख्या केवल दो प्रतिशत हैं।और भारत और बांग्लादेश के संबंध भी अच्छे नहीं चल रहे हैं। इसलिए उनका कहना हैं की जितने भी क्षेत्र में यहां मंदिर स्थापित हैं उसे धीरे धीरे हटाया जाए। क्योंकि भारत के साथ अच्छे संबंध न होने के कारण, वे हिंदू नागरिकों के भी साथ अच्छे संबंध नहीं बना के रखना चाहते हैं।
सरकार ने इस मामले में रखी अपनी राय
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा की हर साल की भांति इस साल भी दुर्गापूजा का आयोजन धूमधाम से किया जायेगा। साथ ही इस साल का आयोजन पिछले साल की भांति और अच्छे से आयोजित किया जाएगा। कानून व्यवस्था का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। ओर इसे त्यौहार को शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जायेगा।
हिंदुओ पर हो रहे हैं हमले ,और धमकियों द्वारा भी उन्हे डराया जा रहा
हिंदुओ पर हो रहे हैं हमले ,और धमकियों द्वारा भी उन्हे डराया जा रहा कई मंदिरों में गुमनाम धमकी भी मिल रही हैं। जिनमे कहा जा रहा हैं कि अगर दुर्गा पूजा का आयोजन
शांतिपूर्ण तरीके से करना हैं तो उनकी मांगे पूरी करनी होगी। जिसमें ५ लाख टका का टोल देना होगा। इस तरह के आक्रामक बयानों के चलते हिंदू समाज मे डर और असुरक्षा की भावना फैल गईं है।