खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने एक नए विवाद को जन्म दिया हैं। खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर को भारत में आतंकवादी
घोषित किया गया था। कनाडा ने भारत सरकार पर खालिस्तान समर्थक आतंकियों की हत्या करवाने का आरोप लगाया हैं। और कनाडा की विदेश मंत्री मिलानी जोली के उच्चायुक्त सहित छह भारतीय राजनयिकों को निष्काशित करने को लेकर बयान दिया हैं। कनाडा ने यह भी दावा किया है कि ये सभी लोग कनाडाई नागरिकों की टारगेट किलिंग में शामिल हैं। उन्होने कहा कि भारत ने जांच में साथ नहीं दिया। यही सारी चीजों के चलते भारत ओर कनाडा के संबंध में खटास आ गई हैं।
निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों के इन्वॉल्वमेंट के आरोप लगाए हैं।
विदेश मंत्रालय सोमवार को बयान में कहा कि उसे रविवार को कनाडा में एक राजनयिक का संदेश मिला। जिसमें कहा गया हैं कि भारतीय उच्चायुक्त ओर अन्य राजनयिक उनकी देश मे एक मामले से जुड़े हुए हैं। बयान में कहा गया कि , भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करती हैं। मंत्रालय ने कहा की सितम्बर में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो द्वारा कुछ आरोप लगाए जाने के बाद से कनाडा सरकार ने भारत सरकार को एक भी सबूत नहीं दिया था, भारत सरकार द्वारा कई बार सबूत मांगे गए थे। इस बात में कोई संदेह नहीं हैं कि जांच के बहाने भारत की छवि को खराब किया जा रहा हैं।भारत ने कनाडा के आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया हैं। तथा इसे वोट बैंक की राजनीति भी बताया हैं।
*जगमीत सिंह का बयान* जस्टिन ट्रुडो के करीबी माने जाने वाले जगमीत सिंह ने बयान जारी करके कहा “हम भारत के राजनयिकों को निष्काशित करने के समर्थन” में हैं।कनाडा सरकार से एक बार फिर भारत के खिलाफ राजनयिक प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेटवर्क RSS पर पाबंदी लगनी चाहिए।
*तनाव लगातार बढ़ रहे हैं* दोनो देशों की बीच लगातार तनाव भी बढ़ते जा रहे हैं। कनाडा में हुई अब तक किसी भी हत्या में किसी भारतीय सरकारी अधिकारी के शामिल होने के बारे में कोई भी सबूत नहीं दे पाई हैं। कनाडाई अधिकारियों का यह दावा बिल्कुल भी सच नहीं हैं कि कनाडा के निज्जर मामले में भारत का कोई विश्वसनीय ने सबूत पेश किए हैं।