बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की खिलाफ अरेस्ट वॉरेंट जारी कर दिया गया। बांग्लादेश में हिंसक विरोध के बाद शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश की युनुस सरकार ने शेख हसीना के खिलाफ बड़ा कदम उठाया हैं। अब शेख हसीना को भारत से बांग्लादेश जाना पड़ सकता हैं। इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरेंट जारी किया हैं। कोर्ट ने उन्हें 18 नवम्बर को पेश होने का आदेश दिया हैं। शेख हसीना सहित 46 लोग को भी कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया हैं।
जिन भी लोग के खिलाफ वारंट जारी किया गया हैं ,उनमें आवामी लीग के कई नेता शामिल हैं। शेख हसीना की सरकार पर हाल ही में हुए छात्र आंदोलन को दबाने का आरोप हैं।इस आंदोलन के चलते सैकड़ों लोगो की जान भी गई थी। जिसके बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था, और वो भारत आ गई थीं। वर्तमान समय में शेख हसीना अभी भारत में ही हैं।
बांग्लादेश में नोबेल विजेता और अर्थशास्त्री मोहम्मद युनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। इस सरकार ने छात्र आंदोलन के खिलाफ हिंसा फैलाने के आरोप मे केस दर्ज करवाया हैं।
शेख हसीना की सरकार जब बांग्लादेश मे सत्ता में आई थीं ,तब आरक्षण को लेकर देशव्यापी आंदोलन शुरू हो गए थे। सरकारी नौकरियों में आई कमी के कारण , परेशान छात्र एक कोटा को समाप्त करने की मांग कर रहे थे। नौकरी में रिजर्वेशन के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन में लगभग 300 लोगों मारे गए थे। 1971 में हुए स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के परिवारों रिश्तेदारों के लिए
30% नौकरियों में रिजर्वेशन देता था। बहुत सारे छात्रों ने रिजर्वेशन को खत्म करने के खिलाफ विरोध किया, लेकिन यह विरोध धीरे धीरे एक आंदोलन बन गया,जो शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका।
हालांकि 77 वर्षीय शेख हसीना ने 15 साल तक बांग्लादेश पर शासन किया।बांग्लादेश छोड़ने की बाद शेख हसीना को सार्वजनिक रूप से नही देखा गया हैं। लेकिन वो इस समय भारत में ही मौजूद है। भारत में उनकी उपस्थिति के कारण भारत ओर बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ गया हैं। जिसके बाद ढाका में उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया गया हैं।