प्रधानमंत्री मोदी जी ने शुक्रवार 30 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्र पति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर माफी मांगी। मोदी जी ने कहा मुझे बीजेपी में 2013 में पीएम के लिए उम्मीदवर बनाया था, मैंने रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर अपनी नई यात्रा आरंभ की थी।
पीएम मोदी ने कहा – हमारे लिए हमारे देवता से बड़ा कुछ भी नहीं है। जैसा ही मैं यहां पाहुचा मैंने सबसे पहले शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घाटना के लिए माफ़ी मांगी। हमारे मुलया अलग हैं, हम शिवाजी महाराज को अपने देवता समान मानते हैं और पूजते हैं वे हमारे लिए एक राजा से काई बढ़ के हैं, मैं उन लोगों से भी छमा मांगता हूं जिन्हें मूर्ति के ढहने से आहात पहुंचा है।
प्रधान मंत्री जी की यह प्रतिज्ञा 26 अगस्त को शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची बानी प्रतिमा के ढहने से पनपे हुए विवाद के बीच आई है। प्रतिमा का अनवरण पिछले वर्ष 4 दिसंबर को हुआ था, जिसका उदेश्य समुद्र रक्षा और सुरक्षा में मराठा नवसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का समान करना था।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा
कांग्रेस ने प्रतिमा ढाहने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इसके लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए। मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवर्ड ने कहा: "छत्रपति शिवाजी महाराज जिनकी सारे महाराष्ट्र और सारे भारत में पूजा की जाती है, जिन्हें हम "जनता के राजा" कहते हैं। उनकी मूर्ति मालवन के राजकोट किले में बनई गई थी, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी जी ने किया था। सबसे पहले पीएम मोदी जी से अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के लिए भूमिपूजन के बारे में पूछना चाहति हु। उस मूर्ति के बनाने से पहले मालवण के राजकोट किले में स्थापित प्रतिमा महज़ 8 महीने में गिर गई, यह स्पष्ट है कि इस्मेन भ्रष्टाचार है।