संत रामपाल जी महाराज के माध्यम् से दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर लग गई आध्यात्मिक प्रदर्शनी। संत रामपाल जी के द्वारा लगवाई गई यह प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनकी आस्था से जोड़ना और उन्हें शास्त्र ज्ञान प्रदान करना है।संत रामपाल जी ने इस प्रदर्शनी को आध्यात्मिक प्रदर्शनी का नाम दिया है। उनका मन है कि लोगों का उनके ग्रंथों और सत्रों में जो विश्वास है और जो भरोसा है उससे लोगों को एक बार फिर से जगाने कीजारू चूहा है. संत रामपाल जी ने इस प्रदर्शनी में हर धर्म के ग्रंथों को शामिल किया है। मुस्लिम धर्म के कुरान, इसाई धर्म के बाइबिल और हिंदू धर्म में गीता सहित बाकी धर्मों के बारे में भी बताया गया है।
उनके प्रदर्शन का मूल्य क्या है?
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के अवसर पर अयोजित आध्यात्मिक प्रदर्शनी में लगी चिटोन और अलग-अलग भासों में लिखे मंत्रों को देख कर यह सफ पता चलता है कि संत रामपाल जी नेआध्यात्मिक शांति और मोक्ष प्राप्ति का रहस्य उजागर किया गया है।
क्या है यह आध्यात्मिक प्रदर्शनी?
आध्यात्मिक प्रदर्शनी एक आध्यात्मिक उत्सव है जो हमें चित्र और धर्मग्रन्थों द्वार आध्यात्मिक के विभीन अयमों से हमें परिचित कराति है। इस प्रदर्शनी के द्वार हम गीता, कुरान, बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब के सत्य को समझने में हमे हमारी सहायता करती है।
रूस के राष्ट्रपति ने किया न्यूक्लियर नियम में कड़े बदलाव…व्लामुदिर पुतिन ने परमाणु हमले को लेकर नियम में बदलाव किया हैं। रूस ने नाटो को लेकर दिया बड़ी बयान। मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति ने संशोधित न्यूक्लियर पर हस्ताक्षर किया हैं। रूस और यूक्रेन का युद्ध अभी भी खत्म हुआ नहीं हैं। और रूस ने सीधे नाटो देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई गैर परमाणु देश किसी न्यूक्लियर परमाणु देश की मदद से हमला करता हैं। तो यह हमला रूस के विरुद्ध माना जाएगा। यदि रूस के विरुद्ध ब्लास्टिक मिसाइल का उपयोग होगा, तो रूस भी इसके जवाब मे परमाणु हमला कर सकता हैं।
रूस की सरकार ने किया अपनी पॉलिसी में बदलाव की घोषणा
रूस द्वारा परमाणु हमले को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव किया गया। पुतिन ने पहली बार सितंबर में परमाणु सिद्धांत में बदलाव की घोषणा की। इस पॉलिसी के अनुसार अगर कोई परमाणु रूप से शक्तिहीन देश किसी दूसरे बड़े देश से मदद लेकर रूस की धरती हमला करता हैं तो इस स्थिति में वह भी पूर्ण रूप से परमाणु का इस्तमाल करेगा। काफी समय पहले से ही रूस इस बदलाव की प्रक्रिया के विषय में बातचीत कर रहा था। लेकिन इसके लागू करने के पीछे कारण था, की दो दिन पूर्व ही जो बाइडेन ने यूक्रेन से लंबी दूरी वाली मिसाइलों को रूस के विरुद्ध इस्तमाल करने की इजाजत दी। जिसके पश्चात रूस ने यह फैसला लिया।
बात यहां समाप्त भी नही होती, इस पॉलिसी मे ये भी हैं कि अगर रूस को अपने देश या उसके नागरिक के लिए ऐसा लगा कि उसे खतरा हैं तो इस स्थिति में वह न्यूक्लियर मिसाइल वा अपनी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी तैनात कर सकता हैं। रूस औरई यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की 1000 दिन पूरे हो गए हैं। जिस कारण रूस ने नए आदेश को जारी किया हैं ।
यूक्रेन मांग रहा था इजाजत।
काफी समय पहले से यूक्रेन ब्रिटेन वा अमेरिका से लंबी दूरी तक हमला करने वाले हथियारों को उपयोग करने का इजाजत मांग रहा था।एक वर्ष पहले 2023 में अमेरिका ने यूक्रेन को ATACMS मिसाइल दी थी। जिसको शर्त के मुताबिक दिया गया था। की वह इस मिसाइल का उपयोग अपने देश के भीतर ही कर सकता था, अब इस पाबंदी को हटा दिया गया हैं। अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को आधुनिक हथियार प्रदान किया हैं ।
बांग्लादेश के तट पर क्या कर रहे हैं पाकिस्तान के जहाज क्या भारत पर हो सकता है हमला? हाल ही में पाकिस्तान जब 53 साल के बाद पहुचा बांग्लादेश के सबसे बड़े चटगांव बंदरगाह पर इसने दोनों देशों के बीच व्यापार सुरू होने की उम्मीदें बढ़ाई है लेकिन इसने भारत की चिंता को भी बढ़ा दी है
1971 के बाद ये पहली बार हे जब दोनो देसो के बीच सिधा समुद्री संपर्क कायम हुआ
इससे पहले पाकिस्तान से बांग्लादेश को होने वाला आपसी व्यापार सिंगापुर या श्रीलंका के ज़रिए होता था मगर अचानक से पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती नजदिकियो चर्चाओं का दौर शुरू हो गया.
इस मुदै को समझने के लिए हमें इतिहास के कुछ पनो को पलटना होगा 1971 के युद्ध से पहले नौ महीने पाकिस्तानी सेना के दुआरा किये गए अत्याचार को बर्दाश्त करने के बाद भारत दुवारा मिलि आजादी के बाद और बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर उभरने के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान रिश्ते कुछ खास नहीं रहे हैं.
अब देखना ये पाकिस्तान है अब इस नई दोस्ती का इस्तमाल करके भारत फिर से नुक्सान पहुचाने की कोशिश करता है या फिर भारत इस दोस्ती को आगे जाने से रोकता है.
क्या सऊदी अरबिया में 101 विदेशी नागरिकों को दी जाएगी फांसी की सजा सऊदी अरबिया में यह पहली बार हुआ कि 101 विदेशी नागरिकों फांसी दी जाएगी। अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के 21, यमन के 20, सीरिया के 14, नाइजीरिया के 10, मिस्र के 9, जॉर्डन के 8, भारत,अफगानिस्तान, श्रीलंका, फिलीपींस के एक एक नागरिक का फांसी दी जाएगी। बीते वर्ष 2023–2024 में 34,34 विदेशी को फांसी की सजा दी गई थी। लेकिन इस बार तो यह संख्या तीन गुना बढ़ गई हैं। और शायद वर्ष खत्म होते होते यह संख्या बढ़ भी सकती हैं।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक यह संख्या पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। सऊदी अरब में मौत की सजा को लेकर काफी समय से विवाद बना हुआ हैं। मानवाधिकार समूह ने इसकी आलोचना तथा इसे अभूतपूर्व बताया है। और अंतराष्ट्रीय जगत में अपनी छवि के विपरीत बताया हैं। 2023 में सऊदी अरब तीसरा सबसे ज्यादा लोगों को फांसी देने वाला देश था। जिसमे पहले वा दूसरे स्थान चीन और ईरान था। 16 नवंबर को यमन के एक नागरिक को सऊदी मे फांसी दी गई थी। बताया जा रहा था कि वह खाड़ी देश में ड्रग्स तस्करी करता था। 2022 में सऊदी अरबिया ने ड्रग्स में दोषी पाए गए लोगों की मौत की सजा पर लगी तीन साल की रोक को समाप्त करके 92 लोगो को फांसी दी। जिसमे विदेशी नागरिकों की संख्या 69 थी।
राजनयिकों का यह मानना है कि जो विदेशी नागरिक है उन्हें अपने लिए लड़ने का उतना अधिकार नहीं दिया जाता हैं। और विदेशी नागरिकों को निष्पक्ष कार्यवाही के अधिकार भी काफी कम मिलता हैं। जिससे वह अपने पक्ष में पूरी सच्चाई से नही बोल पाते। फांसी की सजा की बढ़ोतरी के कारण सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मानवसंघ के निशाने पर है। फांसी की सजा पर विरोधी समूह का कहना है कि जिस प्रकार फंसी की सजा बढ़ते जा रही हैं, यह कोई भी बता सकता की अगला नंबर किसका है। विदेशी लोगों भी इससे भयभीत है तथा उनके परिवार जन में भी डर बना हुआ हैं।
दिल्ली में अब तक का सबसे खराब AQI (AIR क्वालिटी इंडेक्स) का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है, दिल्ली में लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।केंद्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार सोमवार को दिल्ली का AQI 484 दर्ज किया गया है जो इस मौसम का सबसे ख़राब आकड़ा डर्ज़ किया गया है।
दिल्ली एनसीआर और दिल्ली के आस-पास वाले सहरों और गांवों में सोमवार की सुबह 18 नवंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता खाब हो गई जिसके बाद दिल्ली एनसीआर और उसके आस-पास के इलाकों में धुंध की मोती चादर फेल हो गई, लोगों को सांस लेने में भी काफी तकलीफ़ोन का सामना करना पड़ रहा है . लोगों ने अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एयरपुरीफ़ायर और मास्क ख़रीदा ना चालू कर दिया है। कुंकी एक शोध के अनुसर दिल्ली की खुली हवा में सीधे सांस लेना मतलब दिन भर में 50 सिगरेट पीने के बराबर है।
दिल्ली में AQI खराब होने के कारण एयरपुरीफायर की मांग बढ़ गई है।
दिल्ली के एयरपुरीफायर दिलारों ने जो एकदा बताया है वह बहुत ही अच्छा है। दिल्ली एनसीआर के एयरप्यूरीफायर दिलेर ने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में एयरप्यूरीफायर की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है, उन्हें बताया गया है कि वे पहले दिन 10 से 20 एयरप्यूरीफ की बिकरी करते थे मगर अब यह बिकरी 40 से 50 तक की हो गयी है यानि की 50% से भी अधिक की बिकरी बढ़ गई है जो दिल्ली के वायु प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाता है।
जाने किन किन प्रति बंधो पे चलेगी दिल्ली।
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के 4चरणों को लागू कर दिया गया अहै जिस्मे, दिल्ली एनसीआर के लिए शक्त प्रदूषण नियंत्रण प्रतिबन्ध लगाया गया है।दिल्ली के वायु प्रदूषण ने दिल्ली के लोगों के दिन चर्या को भी काफी प्रभावित किया है, (GRAP) चरण 4 के तथा जो प्रतिबन्ध लगाये गये हैं वो यह है।
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10 और 12 वी के छात्रों के अलावा सभी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में स्थानान्तरित करने का आदेश स्कूलों को दे दिया है। ये आदेश तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार द्वार कोई सुनिश्चित तारीख नहीं दे दी जाति।
दिल्ली एनसीआर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में निर्माण के लिए काम पीआर भी प्रतिबन्ध लगा दिया गया है, जिसके तहत कोई भी फ़्लाईओवर, पाइपलाइन और सड़क और किसी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी गई है।
दिल्ली एनसीआर में दूध की मोटी परत होने के कारण और एक्यूआई काफी खराब होने के कारण सरकार कर्मचारियों के लिए घर से काम करने का विकल्प ला सकती है।
दिल्ली में वाहनों के चलने पर भी प्रतिबन्ध लग गया है। सीएनजी और बैटरी के वाहनों का प्रयोग करने की अनुमति दी गई है और बीएस4 और पुराने मॉडल के वाहनों का उपयोग पर रोक लगा दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नाइजीरिया के दूसरे सर्वोच्च सम्मान से किया गया सम्मानित 17 सालों बाद पीएम मोदी नाइजीरिया के दौरे पर गए थे। वहां उन्हें नाइजीरिया के दूसरे सबसे बड़े सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर अवॉर्ड से नवाजा गया। पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले दूसरे अतिथि बन गए है। यह अवॉर्ड क्वीन एलिजाबेथ को 1969 में दिया गया था। *दूसरे देश भी कर चुके हैं सम्मानित* पीएम मोदी को 17 वि बार अंतराष्ट्रीय सम्मान मिला हैं।दूसरे देश ने भी मोदी जी को अवॉर्ड से सम्मानित किया हैं ।सऊदी अरबिया जैसे मुस्लिम देश भी इस लिस्ट में शामिल हैं। पीएम मोदी को अवॉर्ड से सम्मानित कर चुके हैं। और नाइजीरिया द्वारा पीएम मोदी को अवॉर्ड मिलना, ये देश के लिए काफी बड़ी और गौरवान्वित होने वाली बात है।
मोदी जी ने जाहिर की अपनी खुशी
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि मैं काफी गौरवान्वित महसूस करता हूं। जब मुझे द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा था। मैं इसे पूरी विनम्रता के से स्वीकार करता हूं। और इसे मै भारत के लोगो तथा भारत और नाइजीरिया की मित्रता को समर्पित करता हूं। मोदी जी इस सम्मान के लिए वहां की सरकार को आभार व्यक्त किया है । अपने संबोधन के दौरान मोदी की ने कहा की नाइजीरिया और भारत के बीच संबंध आपसी सहयोग, सद्भावना, सम्मान पर आधारित है। उन्होंने कहा कि दो लोकतंत्रिक देश, वा विकासशील अपनी देश की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए काम करेंग।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान तीन देशों की यात्रा की। जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील भी जाएंगे। यह समारोह स्टेट हाउस में आयोजित हुआ था। जहां नाइजीरियन राष्ट्रपति द्वारा यह सम्मान मोदी जी को प्रदान किया गया।भारत और नाइजीरिया के द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की गई थी। भारत और नाइजीरिया के आपसी संबंध वा सहयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा । भारत ओर नाइजीरिया के संबंध भी मजबूत होंगे। कृषि, वाणिज्य, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इन सारे विषयों में भी चर्चा की गई। नाइजीरिया के राष्ट्रपति अहमद टीनूबू के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नाइजीरिया गए हैं। जहां उन्हें तीन देशों की यात्रा करनी हैं।
एक बार फिर इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के आवास पर हुआ हमला… घर के आंगन में गिरे आग के गोले.. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर फिर किया गया हमला। शनिवार की शाम को इसराइल की आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट ने यह जानकारी दी। और बताया कि नेतनयाहू की सिजेरिया वाले घर पर दो फ्लेयर्स दागे गए। सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि इस हमले से अब तक तो कोई तबाही की तो खबर नहीं है। ना ही कोई नुकसान की खबर आई हैं।
यह हमला जब हुआ , उस समय न तो नेतनयाहू घर पर थे न हीं उनके परिवारजन में से कोई मौजूद था। पुलिस ने भी जांच पड़ताल करना प्रारंभ कर दिया। रविवार को इसराइल के डिफेंस मंत्री काट्ज के तरफ से यह बयान आया है , उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि इस घटना ने सभी रेड लाइन को पार कर लिया हैं। काट्ज ने सुरक्षा एजेंसियों से भी इस हमले के बाद आवश्यक कदम उठाने को कहा है।
इससे पहले भी बेंजामिन नेतन्याहू के निजी आवास में पिछले माह 17 अक्टूबर को हमला हुआ था। उस वक्त भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। उस समय भी इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के घर को ही निशाना बनाया गया था। सीसीटीवी कैमरे मे घटना की पूरी सच्चाई साफ साफ दिख रही हैं। जिसमे घर के आंगन में फ्लेयर्स गिरने के तेजी से आग जलती दिख रही हैं। इजरायल के सभी राजनीतिक दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की हैं। इजरायल के राष्ट्रपति हर्जोगने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों को जल्द से जल्द पता लगाने को कहा है। हर्जोग के मुताबिक शिन बेट के प्रमुख ने बताया कि इस हमले को उकसावे के रूप में देखा जा सकता हैं। हर्जोग कहा, आग की लपटों को बढ़ने भी दिया जाना चाहिए
न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की सांसद आखिर क्यों हुई पार्लियामेंट में गुस्सा.. फाड़ी विधेयक की कॉपी गुरुवार को न्यूजीलैंड के संसद मे हंगामा हुआ। न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की सांसद हाना रावहिति पार्लियामेंट एक बार फिर चर्चा में आ गई है। जब वह सांसद की सदस्य बने थी।उस दौरान भी उनका वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हुआ था। और अब एक बार फिर वे सुर्खियों में आ गई है। एक बिल का उन्होंने विरोध किया। जिस दौरान वो पन्नो को फाड़ते नजर आ रही हैं। उनका सत्र में हुई बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा हैं। जानकारी के अनुसार,हाना ब्रिटिश क्राउन और माओरी लोगो के समक्ष 184 वर्ष प्राचीन संधि की व्याख्या में बदलाव की मांग वाले विधेयक के विरोध मे उठ खड़ी हुई। इस एक्ट का माओरी द्वारा विरुद्ध किया जा रहा था। इसे विधेयक को इतना आलोचना हुई यह विधेयक कि कानून बनने की कम ही उम्मीद बताई जा रही।
न्यूजीलैंड संसद के सदन में सभी सांसद संधि सिध्दांत विधेयक पर मतदान करने के लिए एकत्रित हुए थे। सदन में ही हाना रावहिति ने एक विधेयक के विरोध में बोलना शुरू किया और बोलते ही बोलते स्वदेशी संदिग्ध विधेयक की फाइल भी फाड़ दी। तथा वही पर पारंपरिक माओरी डांस (हाका) करने लगी। उनके साथ उनकी कैबसमर्थक भी उनके साथ मिलकर विरोध करने लगे। और इसमें दूसरे राजनेता भी शामिल हो गए और उनके साथ ही नृत्य करने लगे। जिसके बाद उनका यह रूप देखकर सभी लोग हैरान हो गए ।इसके पश्चात उस बिल की वोटिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया ।
हाना 2023 मे आम चुनाव में सांसद बनीं थी। वर्तमान समय में वह पार्लियामेंट की सबसे कम उम्र की सांसद हैं। हाना की उम्र केवल 22 वर्ष है। उन्होंने अपने पहले भाषण के दौरान भी संसद में हाका नृत्य किया था। हाना न्यूजीलैंड की 200 वर्षों के इतिहास में सबसे कम उम्र की महिला सांसद बनीं हैं। 2023 में वो अपने पहले भाषण के दौरान भी कई सुर्खियां बटोर ली थी। हाका एक युद्धगीत हैं , जिसे पूरी शक्ति और भाव से किया जाता हैं।
1840 की वेटांगी संधि सरकार और माओरी के मध्य संबंधों को प्रदर्शित करती हैं। इसमें जनजाति समूह ब्रिटिश शासन को सत्ता देने के बदले अपनी जमीन का बनाए रखने की तथा अपने हितों की सुरक्षा करने का व्यापक अधिकार मिलता हैं।
क्या खालिस्तानी आतंकी अर्श डाला आएगा भारत…. भारत ने कनाडा से की अर्श डाला की प्रत्यर्पण की मांग खालिस्तानी टाइगर फोर्स के प्रमुख अर्श डाला को पिछले महीने के अंत में कनाडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था।2023 मे भारत ने अर्श डाला को आतंकवादी घोषित कर दिया था। और उसी समय कनाडा सरकार से अनुरोध डाला कि गिरफ्तारी के लिए कनाडा सरकार से अनुरोध किया था। जानकारी के अनुसार भारत खालिस्तानी आतंकी डाला के प्रत्यपर्ण की मांग करेगा। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह के मौत के बाद अर्श डाला ही आतंकी संगठन फोर्स को लीड कर रहा था। निज्जर के समक्ष मिलकर उसने अपने पंजाब किलिंग कि वारदातों को अंजाम दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल गुरुवार को बताया कि हालिया गिरफ्तारी को देखते हुए एजेंसियां प्रत्यर्पण अनुरोध पर आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अर्श डाला के अपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में इसी तरह की अवैध गतिविधियों में उसकी संलिप्तता को देखते हुए भरोसा हैं कि उसे भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यापित या निर्वासित किया जाएगा। रणधीर जायसवाल ने यह भी बताया कि भारत ने कनाडा सरकार को इन मामलों मे कई जानकारी भी प्रदान की थी। अर्श डाला के संदिंध आवासीय पते , मोबाइल नम्बर, अचल एजेंसीया , आदि का विवरण LMT में तहत कनाडा को एक अलग अनुरोध भी भेजा गया था। जो कि जनवरी 2023 में कनाडाई सरकार को भेजी गई थी। जिसका जवाब मार्च 2024 को दिया गया।
क्या कनाडा सरकार अर्श डाला को बचाने कि कर रही हैं कोशिश
क्या कनाडा सरकार अर्श डाला को बचाने कि कर रही हैं कोशिश अर्श डाला की गिरफ्तारी की बाद गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश होना था। कनाडा की सरकार जस्टिन ट्रुडो की सरकार के वकील ने एप्लीकेशन लगाई 517 पब्लिक एक्ट के तहत् मीडिया पर प्रतिबंध लग दिया जाए। इधर भारत की एजेन्सी के तरफ से भी बयान आया कि अभी तो कुछ घंटे भी नहीं हुए और डाला का बचाव करने की इतनी कोशिश होने लगी। जुलाई 2023 में भी भारत द्वारा कई सबूत पेश करने के बाद भी डाला कि गिरफ्तारी को अस्वीकार कर दिया गया था।