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राजस्थान में,SDM को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीना हुआ गांव से फरार… पुलिस लोगों के बीच हुआ पथराव

राजस्थान में,SDM को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीना हुआ गांव से फरार… पुलिस लोगों के बीच हुआ पथराव राजस्थान की देवली उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान हुई शर्मनाक घटना। नरेश मीना निर्दलीय उम्मीदवार ने मतदान केंद्र में घुसकर एसडीएम (अमित चौधरी) को मारा थप्पड़। जिसके बाद समरावता गांव में बवाल मच गया। मतदान खत्म होने के बाद,पुलिस नरेश मीना को गिरफ्तार करने पहुंची,तो वह अपने समर्थकों के साथ था। और उसके समर्थकों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरु कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया और उनलोगों पर लाठीचार्ज कर दिया, आंसू गैस से गोले भी छोड़े, और इस मामले में 60 लोगों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में भी लिया।



घटना में पहले SDM अमित चौधरी गांव के लोगों को मतदान करने के किए मानने की कोशिश कर रहे थे। वहीं नरेश ने प्रशासन की खिलाफ धरना दे रहा था। उसने प्रशासन पर दवाब बनाने के लिए अपने समर्थकों को लाठी डंडे लेकर एक जगह एकत्रित होना को कहा। मतदान खत्म होने के बाद पुलिस ने मीना और उसके समर्थकों को मतदान केंद्र से बाहर जाने को कहा लेकिन उन लोगों ने पुलिस की बात नहीं मानी, जिसके बाद दोनों पक्ष में हिंसा शुरू हो गई। प्रशासन के अधिकारियों ने मीना को गिरफ्तार करने की मांग की हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि अगर उसकी गिरफ्तार नहीं होती हैं तो पूरे राज्य में “पेन डाउन ” हड़ताल की जाएगी।



समरवता गांव की स्थिति बिगड़ने के बाद वहां पुलिस की टीम तैनात की गई है। बताया जा रहा था कि जैसे ही नरेश मीना को पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची उसके समर्थक गुस्से से भर गए और पुलिस पर पत्थराव आरंभ कर दिया। इन सब घटना के बाद नरेश ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा कि , मुझे फसाया जा रहा हैं, बड़े बड़े लोग इसमें शामिल हैं। मिर्ची बम फटने से मैं बेहोश हो गया था, मैं नही भगा नहीं था, मुझे पुलिस ने पकड़ा तो पथराव हुआ। नरेश मीना को करणी सेना से सहयोग मिल रहा हैं। करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह ने कहा कि अगर नरेश मीना के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही की जाती हैं तो वो इसका विरोध करेंगे।

इस घटना ने 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। गांव वाले ने पुलिस कर्मी पर यह आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने गांव में गाड़ियों को आग लगा दी। पुलिस से बचने के लिए कई लोग तालाब में भी खुद गए। रात भर में 100 से ज्यादा लोग गांव छोड़ कर भाग गए। जिसके बाद पुलिस आरोपियों को ढूंढने में पूरी तरह से जुटी हैं।

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने की बड़ी टिप्पणी… बुलडोजर एक्शन पर दिया बड़ा फैसला

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने की बड़ी टिप्पणी… बुलडोजर एक्शन पर दिया बड़ा फैसला आजकल देश में बुलडोजर एक्शन काफी सुर्खियों मे चल रहा हैं।सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर पर बड़ा फैसला सुनाया।और इस पर रोक लगा दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि किसी भी गुनाह वा आरोप के आधार पर किसी का घर छीनना गलत हैं। बुलडोजर एक्शन पर जस्टिस बी आर गंवाई, और जस्टिस के विश्वनाथन की बेंच अपना फैसला सुना रही हैं। इसे फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भा व्यक्ति का घर उसका आखिरी उम्मीद होती हैं। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी परिवार के लिए उसका घर एक सपने के तरह होता हैं। घर तो लोग कि अंतिम सुरक्षा होती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अफसर जज नहीं बन सकते हैं। सभी राज्यों को इस विषय पर सख्त निर्देश दिए गए हैं।


15 दिन तक कोई कार्यवाही न की जाए

15 दिन तक कोई कार्यवाही न की जाए कोर्ट ने सख्त आदेश दिए और कहा कि, पहले नोटिस की जानकारी डीएम को दी जाए।  और अवैध निर्माण अगर कही हुआ हैं तो पहले नोटिस भेजा जाए और 15 दिनों का मोहलत दिया जाए। नोटिस दिए जाने के बाद 15 दिनों तक कोई कार्यवाही ना कि जाए। व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का मौका देना होगा। यदि प्रक्रिया के अनुसार ऐसे नहीं होता तो ओर बिना समय दिए ये एक्शन लिया जाता हैं तो अधिकारियों से हर्जाना वसूल किया जाएगा।कोर्ट ने कहा अवैध कार्यवाही करने वाले को आधिकारिक रूप से दंडित किया जाए।
*कार्यपालिका आरोपों को दोषित घोषित नही कर सकती थी*  SC ने कहा कि अगर केवल व्यक्ति के दोषित होने से घर को ध्वस्त किया जा रहा तो यह नियम बिल्कुल असंवैधानिक हैं। कार्यपालिका नहीं तय कर सकती कि कोन दोषित हैं कौन नहीं.. कार्यपालिका जज नहीं हैं। आगर सरकार किसी के आरोप के आधार पर संपत्ति को ध्वस्त कर सकती है तो ये कानून का उल्लंघन है।


*सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए ये निर्देश*
*ध्वस्तिकरण से पहले 15 दिन का समय देना होगा
*कोर्ट ने कहा किसी भी अपराध के लिए किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा ।
*अगर आरोपी ने गुनाह किया है तो उसके पूरे परिवार को सजा नहीं मिलेगी।
घर केवल संपत्ति नहीं हैं, यह परिवार का आश्रय हैं।
*गलत कारवाही करने पर पीड़ित को मुआवजा दिया जा सकता हैं।
*बुलडोजर एक्शन आशियाने के अधिकार का उल्लंघन होगा।
*और कोई विकल्प न होने पर बुलडोजर कारवाही की जाए।
*सरकार अफसर जो मनमानी करते हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

खंड की पहले चरण 43 सीटों पर वोटिंग… हर सीट पर होगा कड़ा मुकाबला…

झारखंड की पहले चरण 43 सीटों पर वोटिंग… हर सीट पर होगा कड़ा मुकाबला… झारखंड में लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत हो गई हैं। झारखंड में दो चरण में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं , विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान बुधवार को है। झारखंड में मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार हैं।मतदान प्रात: 7 बजे शुरू होगा तो संध्या 5 बजे तक चलेगा।पहले दौर में 43 सीटों के लिए मतदान हैं। ये 43 सीटे ही झारखंड कि राजनीति की तस्वीर और तकदीर बदलेगी।


दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होने वाला है।पहले चरण के लिए 683 प्रत्याशी मैदान में हैं। सुरक्षित सीटों संथाल, परगना,की सीटों पर आज मतदान हो रहे है। पहले चरण में हेमंत सोरेन के 6 प्रतिष्ठा मंत्रियो की इज्जत दाव पर हैं। जिनके नाम है, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन , रामेश्वर उरांव , बत्रा गुप्ता, मिथलेश ठाकुर, वैद्यनाथ राम, भानु प्रताप शाही और भी अन्य नेताओं की इज्जत व प्रतिष्ठा दाव पर लगी हैं। एनडीए, और इंडिया गठबंधन के बीच सीटो का मुख्य मुकाबला हैं। पहले चरण में कई राजनीतिक लोगो के इम्तिहान होने हैं।  पहले चरण के 43 सीटों के लिए 15344 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। झारखंड ने विधानसभा का कार्यकाल 5जनवरी 2025 को खत्म होगा। इस बात बीजेपी सत्ता की कमान संभालने की पूरी तैयारी में हैं।



पहले फैज के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, आजसू पार्टी, आरजेडी, जेएमएम, और झारखंड पार्टी  सहित कई दल चुनाव मैदान में हैं। 13 नवंबर को राजस्थान की सात, पश्चिम बंगाल की 6, असम की 5, बिहार की 4, मध्यप्रदेश की दो , गुजरात कि एक विधानसभा सीट पर वोटिंग है। देश भर की 11 राज्यों कि 31 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीटों पर उपचुनाव भी हैं।23 नवंबर को मतों कि गिनती होने हैं। चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को महाराष्ट्र की साथ ही आयेंगे।
झारखंड में सुबह 9 बजे तक 13.04% वेटिंग हो चुकी हैं। राहुल गाँधी ने भी लोगों की अपील की उन्होंने कहा , झारखंड के भाइयों वा बहनों आज आपके राज्य में पहले चरण की वोटिंग हो रही हैं। मै आप सभी लोगों से अपील करता हु कि अपने अधिकारों की रक्षा एवं संविधान और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपना वोट अपना वोट जरूर डाले।

महुआ मांझी ने भी पहले चरण ने हो अपना वोट डाला। मतदान करने के पश्चात उन्होंने भी लोगों से कहा कि ,मै सभी से मुझे वोट देने की। अपील करती हूं। मैं चाहती हूं कि झारखंड में विकास हो, रांची राजधानी जैसी नहीं लगती , ओर मै इसे राजधानी में बदलना चाहती हूं। मेरे पास विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव है।

टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली ने उठाया बड़ा कदम, सौतेली बेटी को पर लगाया 50 करोड़ रुपए का हर्जाना

टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली ने उठाया बड़ा कदम, सौतेली बेटी को पर लगाया 50 करोड़ रुपए का हर्जाना रूपाली गांगुली टेलीविजन जगत की एक लोकप्रिय एक्ट्रेस हैं। अनुपमा शो से उन्हें इंडस्ट्री में फेम मिला। लेकिन कई दिनों से वो विवादों में फंसी हैं। जिसकी चर्चा जोर शोर से चल रही हैं।उनकी सौतेली बेटी ईशा वर्मा ने उन पर हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे। ईशा उन पर यह आरोप लगाया कि ईशा जब अपने पिता को कॉल करती थी तो रूपाली गांगुली उसे जान से मारने की धमकी देती थी। तथा ईशा आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वह ईशा के पिता को गलत दवाइयां देती है।

अनुपमा एक्ट्रेस ने इस आरोपों के बाद उठाया बड़ा कदम

सौतेली बेटी की इन गंभीर आरोपों से तंग आकर रूपाली गांगोली ने कानून का सहारा लिया। अब लगता हैं उनके सब्र का बांध टूट चुका हैं। रूपाली ने अपनी सौतेली बेटी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। और ईशा वर्मा से  50 करोड़ का हर्जाना मांगा है। उन्होंने 12 नवंबर को लीगल नोटिस भेजा , जिसमे लिखा हैं कि ईसा की इन आरोपों के चलते उनका काम का बहुत नुकसान हुआ है। इस आरोपों के चलते उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, और उनके कई सारे प्रोजेक्ट भी छूट गए। उन्होंने कहा कि,पहले तो वो चुप थी लेकिन अब उनके बेटे को भी इन विवादों में घसीटा गया, इसीलिए उन्होंने बड़ा एक्शन लिया। हालांकि अभी ईशा का कोई बयान सामने नहीं आया हैं। उन्होंने ईशा को माफी मांगने को कहा, और अगर ईशा द्वारा ऐसे नहीं किया जाता है तो वो फिर कोई एक्शन लेगी। ईशा को जो नोटिस भेजा हैं उनमें ये भी लिखा हैं कि उनके द्वारा रूपाली गांगुली के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तमाल किया गया हैं। जिससे उनके करियर को काफी नुकसान पहुंचा हैं। और तब इंडस्ट्री में उनकी छवि भी खराब हुई हैं।



रूपाली द्वारा मुकदमा दायर पर, ईशा ने कोई टिप्पणी नहीं की हैं। लेकिन उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को प्राइवेट कर लिया है। इंस्टा पर ईशा के 15 हजार 800 फॉलोवर्स हैं। कुछ दिन पहले ही ईशा ने एक वीडियो शेयर किया जिसमे की उसने रूपाली गांगुली के चलते जो उसकी मां को कठिनाइयां हो रही है उसके बारे में बताया। ईशा ने बताया कि रूपाली ने उसके पिता के साथ उस समय अफेयर किया,जब उसके माता पिता शादी के पवित्र बंधन मे थे। ईशा ने रूपाली के बेटे को भी नाजायज कहा। इसी वजह से रूपाली ने ईशा को प्रति कानूनी कारवाही करने का फैसला किया।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप की दी जीत की बधाई

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप की दी जीत की बधाई दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबीयंत अमेरिका दौरे पर वॉशिंगटन पहुंचे हैं। राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद पिछले माह वे सबसे पहले चीन गए थे। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को भी जीत की बधाई दी। आज राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भी उन्हें बैठक में शामिल होना है। प्रबोवो ने कहा कि वह गुटनिरपेक्ष विदेश नीति अपनाएंगे।



इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया हैं। वीडियो को शेयर करते हुए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने लिखा कि ” मुझे खुशी है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति  डोनल्ड ट्रंप को मैने सीधे फोन से बधाई दी। और इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगर संभव हो तो सर मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहूंगा। तथा मैं आपको मिलकर बधाई देना चाहता हूं। तथा उन्हें ट्रंप के चुनाव के दौरान हुए हत्या के प्रयासों का भी जिक्र किया था। जिसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि मै बहुत भाग्यशाली हूं, तथा मैं सही जगह था। और सही दिशा में था। अगर उस दिन कोई दुर्घटना हो जाती तो आज मैं आपसे बात न कर पता।उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

डोनाल्ड ट्रंप ने जवाब में कहा कि आप जब चाहे, हम मिल सकते है। और उन्होंने अपनी सफलता तथा जीत को लेकर भी खुशी जाहिर की। और कहा कि यह उनकी बहुत बड़ी जीत हैं। प्रबोवो एक बहुराष्ट्रीय दौरे पर हैं, जिसमे पेरु ,ब्राजील ,यूके आदि देश शामिल हैं

डोनाल्ड ट्रंप ने की पुतिन से फोन पर बात, तब भी नहीं बन पाई बात

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके है। 2025 जनवरी से वे सत्ता संभालेंगे। ट्रंप के जीत के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध अब खत्म हो जाएगा। परंतु ऐसा होते हुए तो नही दिख रहा हैं।और तो दोनों देश के बीच चल रहे युद्ध में अचानक से गति आ गई है।ट्रंप ने चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था अगर वे राष्ट्रपति बनते है तो रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 24 घंटों के भीतर समाप्त करवा देगे।



*लगातार किया जा रहा हैं, दोनो देशों के बीच ड्रोन से हमला* दोनों देशों द्वारा लगातार एक दूसरे पर सैकडो ड्रोन से हमला किया गया। इस हमले में अभी तक पांच लोगों की मौत की खबर सामने आई हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा रविवार को  यूक्रेन ने मास्को को निशाना बनाया तथा लगातार ड्रोन से हमला किया। मास्को की ओर आई 34 ड्रोंस को रूस द्वारा मार गिराया गया। रूस ने कहा की वर्ष 2022 में युद्ध आरंभ होने के पश्चात यह राजधानी मास्को पर हुआ सबसे खतरनाक हमला था।दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति विलोदमीर जेलांस्की ने कहा रूस द्वारा यूक्रेन पर केवल रात भर में 145 ड्रोन दागे गए।जो कि अब तक का सबसे खतरनाक ड्रोन हमला हैं। रविवार को जेलैंस्की ने पश्चिम देशों से मदद की गुहार लगाई हैं।
*ट्रंप ने चुनाव के दौरान किया था दावा* डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह दावा किया था कि उनमें युद्ध को समाप्त करने की क्षमता है। इसीलिए ट्रंप के जीत के बाद उन्होंने पुतिन से फोन पर बात करने का प्रयास किया। बातचीत के दौरान युद्ध को विराम देने की सलाह दी गई हालांकि मौजूदा स्थिति से तो यही लग रहा हैं कि बात शायद नहीं बन पाई हैं। इस बात की पुष्टी न तो व्हाइट हाउस द्वारा न ही क्रेमलिन द्वारा की गई।हो सकता हैं, कि ट्रंप जब जनवरी में राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण करेंगे उसके बाद शायद स्तिथि सुधर सके। 
*बाइडेन ट्रंप का स्टैंड है बिल्कुल अलग* डोनाल्ड ट्रंप का स्टैंड जो बाइडेन से बिल्कुल अलग हैं,क्यूंकि जब जो बाइडेन की सरकार थी तब अमेरिका यूक्रेन को युद्ध में रूस को आर्थिक मदद दे रहा था । तथा रूस का पुरजोर विरोध कर रहा था। और सैन्य मामलों में भी अमेरिकी ने यूक्रेन को काफी सहायता प्रदान की थी। लेकिन अब जब डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार आई है  अब यूक्रेन की मिलने वाले सहायता बंद हो जायेगी।

इराक कर रहा है कानून के नाम पर हैवानियत की सारी है पार।

इराक में किया जा रहा हैं कानून संशोधन, अब पुरुष 9 साल की लड़की से कर सकेंगे शादी इराक में सरकार देश के कानून में संशोधन करने में जूटी हैं । इस कानून के तहत लड़कियों की शादी की उम्र 9 वर्ष कर दी  जाएगी। यह संशोधित कानून के अनुसार, पुरूष 9 साल तक की लड़की से शादी कर पाएंगे। द टेलीग्राफ रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं का तलाक, बच्चे की कस्टडी, तथा विरासत के अधिकार से वंचित , करने के लिए संशोधन भी प्रस्तावित किए गए हैं । यह कानून नागरिकों के घरेलू मामलों पर फैसले लेने के लिए धार्मिकों अपराधियों या नागरिक न्यायपालिका में से किसी एक को  चुनने की अनुमति भी देगी।


इस विधेयक की पूरे विश्व भर में आलोचना की जा रही हैं। इसे महिलाओं की सुरक्षा तथा अधिकारों का उल्लंघन बताया जा रहा हैं। सिया गठबंधन वाली सरकार का कहना हैं कि संशोधित कानून इस्लामी सरिया कानून का अनुरूप है। इस कानून के आने से लड़कियों के अनैतिक संबंध खत्म होगे,इस कानून का उद्देश्य भी यही है। महिलाएं इस कानून का विरोध कर रहीं हैं। इसके बाद भी सरकार इस कानून को लाना चाहती है ।

यह  विधेयक महिलाओं की कानूनी सुरक्षा को लेकर बड़ी समस्या पैदा करता हैं। एक तरफ विश्व में हर जगह बाल विवाह को पूरी तरह खत्म किया जा रहा हैं, तो दूसरी तरफ ये मुस्लिम देश बाल विवाह को ओर बढ़वा दे रहे हैं। महिला समूहों के पुरजोर विरोध के बाद भी इराक सरकार ने यह विधेयक को पारित किया है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक इराक में पहले से ही बालविवाह का काफी प्रचलन हैं। लगभग 28% लड़कियों की शादी 18 वर्ष के पहले ही हो जाती हैं। और  यह कानून आने के बाद उनकी स्थिति और ज्यादा खराब है सकती हैं।इस संशोधन से युवा लड़कियों को यौन और शारीरिक हिंसा तथा बलात्कार का भी खतरा बढ़ जाएगा। महिलाएं पूरी तरह से शिक्षा, अधिकार , रोजगार से वंचित हो जाएगी।

कानून में दूसरा संशोधन 16 सितंबर को पारित हुआ था। इस कानून को कानून 188 का नाम दिया गया।सन् 1959 में जब इसे “कानून 188” का नाम दिया गया था तो इस कानून को पश्चिम एशिया सबसे प्रगतिशील कानूनों में से एक माना जाता था। लेकिन अब यह कानून आने से महिलाओं की स्थिति और ज्यादा खराब होने की आशंका हैं। यह महिलाओं की अशिक्षा और भेदभाव को बढ़ावा देगी । उनकी साथ शारीरिक हिंसा का भी खतरा बढ़ जाएगा।

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जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़, एक जवान हुए शहीद तो तीन सेना के जवान हुए घायल

रविवार को सेना और आतंकियों के बीच किश्तवाड़ जिले के वन में हुई मुठभेड़। जिसमे एक जवान शहीद और,सेना के तीन जवान हो गए घायल। अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ सुबह 11 बजे शुरू हो गई थी।सेना और आतंकियों के बीच लगातार गोलीबारी हुई। इस दौरान तीन पैरा कमांडो घायल हो गए। तीनों जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया,तथा तीनों जवानों का इलाज अभी भी जारी हैं और उनकी स्थिति काफी गंभीर बताई जा रही हैं।जम्मू कश्मीर में इस तरह के घटना में बहुत बढ़त देखने को मिली हैं। आय दिन इस तरह की खबरें आती रहती है। बता दिया जाए कि यह मुठभेड़ अभी भी जारी हैं। मुठभेड़ के दौरान स्पेशल पैरा फोर्स के जवान राकेश कुमार शाहिद हो गए हैं।श्रीनगर मे अभी भी आतंकवादियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी हैं ।


पिछले 48 घंटों मे चार मुठभेड़ की खबर सामने आई हैं। इस दौरान कई जवान भी घायल हो गए है। जिसके बाद सुरक्षा बल अब बहुत सक्रिय हो गई हैं तथा आतंकियों के खिलाफ अब कार्यवाही की प्रक्रिया में भी गति आई हैं। आधिकारियों द्वारा यह सूचना दी गई है कि 3_4 आतंकवादियों को सेना के जवानों ने घेर लिया हैं। बताया जा रहा हैं कि जबरवान पहाड़ियों के ऊपरी इलाके में 2–3 आतंकी अभी भी मौजूद हैं। शनिवार को सोपोर में सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। जिसमें  सेना के जवान ने एक आतंकी को ढेर कर दिया था। इस दौरान आतंकियों ने भी गोलीबारी शुरू कर दी थी। पूरे इलाके में आतंकी इधर उधर छुपे हैं। इसीलिए आतंकियों के छुपे होने की जानकारी मिलने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया
हैं।
सात नवंबर को किश्तवाड़ जिले के एक इलाके में दो ग्राम रक्षा रक्षको (वीडीजी)की हत्या कर दी गई थी। उनमें से एक आहोली और एक कुंतवाडा के निवासी थे। दोनों लोग के शव बाद में बरामद किए गए। दोनों गांव की रक्षा रक्षको जो की निर्देश थे, उनकी मृत्यु की बाद पुलिस सक्रिय हो गई तथा गुरुवार शाम से ही केशवान के वनों में अभियान जारी कर दिया गया हैं

कतर ने खुद को किया इसराइल और हमास की मध्यस्थता से बाहर

गाजा में लगातार इसराइल हमले हो रहे हैं,जो की रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। अब तक इस हमले में 45000 लोगों की मौत हो चुकी हैं। जिनमें महिलाएं वा बच्चे भी शामिल हैं। इन सब हालातों के बीच कतर की तरफ से एक ऐलान किया गया हैं। की अब कतर इसराइल और हमास की मध्यस्थता से खुद को बाहर कर लिया हैं। कतर के अधिकारियों का साफ कहना हैं कि अगर दोनों पक्ष समझौते के लिए प्रयास करते तो कतर भी दोनो के बीच मध्यस्थता को जारी रखता, लेकिन यहां तो समझोते के लिए दोनो पक्षों में से कोई भी प्रयास नहीं कर रहा हैं। तो इस स्थिति में कतर भी मध्यस्ता जारी नहीं रख सकता हैं।


गाजा ने लगातार पिछले साल इसराइल पर हमले किए , जिससे वहां भारी तबाही भी हुई काफी लोग मरे तथा विवाद और बढ़ गया।उस समय भी कतर द्वारा युद्ध को रोकने के काफी प्रयास किए गए, लेकिन वे इसमें असफल रहे। कतर के अधिकारी ने यह भी बताया कि दोहा में अब हमास का राजनीतिक कार्यालय का कोई उद्देश्य नहीं रह गया हैं। कतर अमेरिका, मिस्र के साथ मिलकर बहुत दिनों से यह प्रयास कर रहा था कि गाजा में हो रहे युद्ध को कैसे खत्म किया जाय। तथा हमास द्वारा बंदी बनाए गए इजरायली लोगो को कैसे रिहा कराया जाए।
हालांकि एक अन्य अधिकारी ने यह भी बताया है कि कतर फिर से मध्यस्थता में शामिल हो सकता हैं। यह निर्णय युद्ध विराम समझौते के लिए ठहरे हुए कोशिशों के बाद ली गई हैं। यह घोषणा एक तरफ से हमास  और उसके मित्र देशों के लिए चिंता का विषय है। वहीं इस बात को लेकर भी गहरी चिंता जताई जा रही हैं कि अब हमास इसराइल के बीच शायद युद्ध कभी खत्म होगा भी या नहीं।
सूत्रों से यह भी पता चल हैं कि कतर ने पहले ही अमेरिका को इस घोषणा की जानकारी दे दी थीं। कतर में हमास के कई कार्यकर्ताएं भी रहते है । आखिर कब उन्हें बाहर निकला जाएगा इस बात पर कोई पुष्टि नहीं की गई हैं। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि कार्यकर्ताओं को देश छोड़ने के लिए ज्यादा समय नहीं दिया जाएगा। कतर के इस घोषण के बाद हमास को बड़ा झटका लगा है। अगर कतर द्वारा हमास को समर्थन नहीं मिला,तो हमास का गाजा पट्टी में सरकार चलना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

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