दिल्ली का होगा किसानों का रुख। किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली पीआर चढाई करने का फैसला किया है। सुत्रों की माने तो जो किसान 13 नवंबर तक पंजाब या हरियाणा में धरना दिया करते थे, उनके सरदारों ने फैसला किया है कि 6 दिसंबर को वह लोग दिल्ली का रुख करेंगे और दिल्ली में धरना प्रदर्शन करके वाहा सरकार से अपनी बात मनवाने की पूरी कोशिश करेंगे।
6 महीने का लंबा इंतजार फिर भी नहीं सुनी गुहार।
किसानों का विरोध है कि अभी तक सरकार की तरफ से उनसे कोई भी बात करने की कोशिश नहीं की गई है। पिछले 9 महीने से किसानो ने बहुत चुप रहकर इंतजार कर लिया। अब शबरा का बांध टूट चुका है और अब सरकार को तैयार रहना होगा किशनो का सामना करने के लिए।
सिंघो को आया गुस्सा अमरान अनशन की तयारी।
किशन यूनियन (साहिद भगत सिंह) के सिंघो ने गरजते हुए कहा है कि हम किशन 280 दिनो दे दिल्ली को हरियाणा और पंजाब से जोड़ने वाले रास्ते पर पीआर जमे हुए हैं और 18 फरवरी को सरकार ने बुरा उनसे कोई बात नहीं की। इनबेटन से गुस्सा हुए किशनो ने पिछले हफ्ते कहा है कि हम अपने आंदोलन को तेज करेंगे और 26 नवंबर को किशनो के नेता जगजीत सिंह जी आमरण अनशन पर बैठेंगे।
क्या किशनो की मांग होगी पूरी?
- किसानों की मांग है कि उनके फसल का सही दाम दिया जाए।
- कानून गारंटी कि किसानो पीआर ओ कृषि ऋण का उपयोग माफ किया जाए।
- सभी किशन और मजदूरों को पेंशन दिया जाए।
- किशनो पीआर जो भी मामला दर्ज है उन मामलों से उन्हें बरी किया जाए।
- लखीमपुर में मारे गए किशन और 2020-2021 के आंदोलन में मारे गए किशन और उनके परिवार को मुआवजा दिया जाए और अरोपियां कड़ी सजा दी जाएं।