इन दिनों भारत और कनाडा के रिश्ते में काफी तनाव पहले ही चल रहे हैं। और हर दिन ऐसी घटना होती जा रही हैं कि यह तनाव तो बढ़ता ही जा रहा हैं। ऐसे में कनाडा सरकार ने लिया बड़ा फैसला, इंटरनेशनल विद्यार्थियों के लिए फास्ट ट्रैक वीजा प्रोग्राम को खत्म कर दिया गया हैं। इसका प्रभाव भारत समेत कई और देशों की विद्यार्थी पर पड़ सकता हैं। कनाडा सरकार ने यह फैसला तत्काल स्थिति को देखकर लिया गया हैं।
कनाडा ने नाइजीरिया के छात्रों के लिए नाइजीरिया स्टूडेंट्स एक्सप्रेस स्कीम को भी बंद कर दिया है । तथा अब स्टडी परमिट आवेदन, स्टैंडर्ड प्रोसेस का उपयोग कर जमा किए जाएंगे।
इस फैसले से भारतीय स्टूडेंट को झटका सा लगा है। क्योंकि हर साल भारत से लाखों स्टूडेंट्स कनाडा पढ़ने जाते थे। लेकिन कुछ सालों से SDS और नॉन SDS वीजा की स्वीकृति में बहुत ज्यादा अंतर देखने को मिल रहा हैं। SDS वीजा पॉलिसी अपलाई करने से भारतीय स्टूडेंट को कम दिनों की अवधि में ही वीजा मिल जाता था। जिसके कारण ज्यादा से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट्स स्टडी परमिट हासिल कर पा रहे थे।
लगभग 80% छात्रों ने 2022 में sds की मदद से वीजा प्राप्त किया था।SDS प्रोग्राम को 2022 में लाया गया था। इसे इमिग्रेशन रिफ्यूजी सिटिजनशिप द्वारा शुरू किया गया था। इसका इस्तेमाल छात्रों की वीजा प्राप्त करने वाली प्रक्रिया को आसान बनाना था। HT की रिपोर्ट के अनुसार जिन भी विद्याथिर्यों ने SDS वीजा स्कीम के तहत् अप्लाई किया, उनकी स्वीकृति दर 95% थीं।
SDS रद्द करने की सबसे बड़ा कारण यह नहीं विदेश छात्रों की संख्या को कम करना है। कनाडा सरकार ने छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया है। ऐसे मे स्टूडेंट्स को अब वीजा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। और स्टूडेंट्स की संख्या पर भी लिमिट लगा दी जाएगी।