16 नवंबर को पहली बार प्रधानमंत्री नाइजीरिया दौरे पर जाएंगे। राष्ट्रपति अहमद टीनूबू द्वारा निमंत्रण मिलने पर वो अफ़्रीका जा रहे हैं। 17 साल तक किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने नाइजीरिया का दौरा नहीं किया था। अंतिम बार 2007 मे तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह नाइजीरिया दौरे पर गए हैं। और अब 2024 में 17 सालों के बाद मोदी जी अफ्रीका दौरे पर है रहे है। रविवार को मोदी राष्ट्रपति टीनूबू से भेंट करेंगे। और उनके बीच भारत–नाइजीरिया के रिश्ते के विषय मे भी चर्चा होगी।
इसके पश्चात् मोदी जी अबुजा राजधानी मे भारतीय समुदाय के लोगों के संबंधित विषय पर भी बातचीत करेंगे। और दोनों देशों के मध्य ऊर्जा, स्वास्थ्य, कृषि, आदि विषयों पर भी बातचीत होने की संभावना जताई जा रही हैं।
16–17 नवंबर तक नाइजीरिया में यात्रा करने के पश्चात मोदी जी ब्राजील की दौरे पर जाएंगे। जहां पर वे जी –20 शिखर सम्मेलन मे भाग लेगे। नाइजीरिया देश में विशाल तेल और गैस भंडार हैं। इसे कारण नाइजीरिया अफ्रीका की महत्वपूर्ण देशों में से एक हैं। नाइजीरिया भारत की ऊर्जा आवश्यकता को पूरी करता हैं।OPEC और OIC तेल उत्पादकj संगठन का नाइजीरिया महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
भारत ने आजादी के पश्चात नाइजीरिया देश की आजादी का बहुत समर्थन किया था। भारत के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1962 मे नाइजीरिया के दौरा किया था। उस यात्रा के दौरान भी भारत और नाइजीरिया के द्विपक्षीय संबंधों की चर्चा हुई थी। नाइजीरिया अफ़्रीका का सबसे बड़ी लोकतांत्रिक देश है। नाइजीरिया की आबादी 23 करोड़ हैं। जो उत्तरप्रदेश से भी कम हैं। नाइजीरिया देश की आबादी भी बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। बीबीसी के अनुसार नाइजीरिया दो भागों में बाटा हुआ हैं। उत्तरी हिस्से में मुस्लिम आबादी ज्यादा है। वहां गरीबी भी ज्यादा है। दक्षिणी और पूर्वी नाइजीरिया में ईसाई लोग ज्यादा है।