उत्तर प्रदेश के अस्पताल में लगी आग 10 नवजात बच्चों की हो गई मौत शुक्रवार देर रात को उत्तर प्रदेश ( झांसी ) के मेडिकल कालेज में हो गई बड़ी दुर्घटना। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने से दस नवजात शिशुओ की मृत्य हो गई। आग की चपेट में बहुत सारे बच्चे आ गए। और लगभग 16 बच्चे अभी भी मौत से लड़ रहे हैं। घायल बच्चों की हालत बहुत गंभीर बताई जा रही हैं। आईसीयू में देर रात करीब 10;45 बजे आग लगी थी। जिला मजिस्ट्रेट ने मृत बच्चों की संख्या की पुष्टि की।
इस दर्दनाक दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , और भी कई बड़े नेताओं ने दुख जाहिर की। आग लगने की सूचना मिलने पर अफरा तफरी मच गई थी। प्रशासन अधिकारी भी तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे। सुरक्षा की टीम वा पुलिस स्थिति को संभालने का प्रयास करती रही। सुरक्षा बल द्वारा खिड़की दरवाजों को तोड़ा गया। लेकिन फिर भी आग की चपेट में 10 बच्चे आ गए। बताया जा रहा हैं कि आईसीयू के दो कक्ष में नवजात शिशु भर्ती थे। ओर आग लगने पर पूरे रूम में धुआं भर गया। ज्यादातर बच्चों की मौत तो धुएं से दम घुटने के कारण हुई। कुछ बच्चों को वहां से रेस्क्यू कर लिया गया था। उन बच्चों की भी हालत गंभीर बताई जा रही हैं।
उपमुख्यमंत्री पहुंचे घटना स्थल पर हादसे के पश्चात उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक दुर्घटना स्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नवजात शिशुओ की मौत बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है। परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर हम नवजात शिशुओ की पहचान करने का प्रयास कर रहे है। आग लगने के कारण पर भी जांच कि जायगी। और अगर इस घटना में कोई दोषी पाया गए , तो उस पे सख़्त कारवाही की जाएगी। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ हैं।
अस्पताल के बाहर मृत बच्चों के परिजन चीखते हुए नजर आ रहे।एक दंपत्ति कहता है,मेरा बच्चा कौन देगा , मेरा बच्चा 9 तारीख को दुनिया में आया था, वह केवल 6 दिन का था, मेरे बच्चों को आग लगा दिया…..। एक पल में बच्चे नींद में ही हमेशा के लिए सी गए। इसे तरह की घटना पहले भी देश मे हो चुकी है कि जब अस्पताल नवजात शिशुओ के लिए शमशान बन गया। गुजरात और दिल्ली में भी इस तरह के दुर्घटना है चुके हैं।