उदयपुर हिंसा की पूरी कहानी

उदयपुर में हो रही हिंसा दो बच्चों के आपसी झगड़े से शुरू हुई थी, ये दोनों बच्चे नाबालिक हैं जिनकी उम्र 15 साल बताई जा रही है, दोनों बच्चे भाटियानी चौहटा के सरकारी स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ते थे, 16 अगस्त को दोनों के बीच आपसी में झगड़ा हुआ जिसमें एक छात्र ने दूसरे छात्र पर चाकू से हमला कर दिया, उसके बाद इस मामले ने उग्र रूप ले लिया।
क्या था आपसी झगड़े का मामला ?
पुलिस द्वारा जांच करने पर पता चला है कि दोनों बच्चे एक ही क्लास में पढ़ते थे, दोनों के बीच विवाद पिछले 3-4 दिनों से चल रहा था, लेकिन स्कूल प्रबंधन को यह बात पता नहीं थी, पहले दोनों के बीच होमवर्क की कॉपी को लेक्र बहस सुरू हुई फिर दोनों ने एक दूसरे पर पारिवारिक टिपनी की जिसके करण आपसी विवाद काफी बढ़ गया। इसके बाद दोषी छात्र ने दोपहर के भोजन के वक्त छात्र को स्कूल से बाहर बुलाया और चाकू से हमला करके वहां से भाग गया।
पीडित छात्र की स्थिति
छात्र ने पीडित के ऊपर 4 से 5 बार चाकू से प्रहार किया, जिससे उसकी अंतड़ियां कट गईं, जिसके कारण काफी ब्लड बह गया, पीडित को अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं, अभी तक डॉक्टर ने 12 यूनिट ब्लड चढ़ाया दिया है लेकिन इंटरनल ब्लाइडिंग होने के कारण मल्टीऑर्गन फेलियर के चांसेस हैं| बच्चे की इस्तिथि अभी भी नाज़ुक बताई जा रही है।

उदयपुर के मामले ने कैसे लिया हिंसा का रूप ?
इस मामले में हुई जांच के दौरन पता चला कि चाकू मरने वाला छात्र मुस्लिम परिवार से संबंधित था और पीड़ित हिंदू परिवार का है। घटना की खबर जैसे ही लोगों में पहुंची लोग सड़कों पर उतरने लगे लोगों का आक्रोश धीरे-धीरे धार्मिक हिंसा का रूप लेने लगा और देखते ही देखते हिंसा बढ़ गई, लोगों ने जबरन बाजार बंद करा दिया, सड़कों पीआर गाड़िया जला दी गई।
प्रश्न के द्वार हिंसा को शांत करने के लिए क्या किया गया है?
आगे की झड़प को रोकने के लिए प्रशंसा ने पूरे शहर में पुलिस बल बढ़ा दिया है। सरकार ने इस्तिथि को नियन्त्रण में लेन के लिए पूरे सहर में धरा 144 लागू कर दिया है जिसके अंतरगत लोग भिड में इकट्ठा नहीं हो सकते। प्रशंसा के द्वार इंटरनेट सेवा को भी रोक दिया गया है। जिसे इस्तिथि नियन्त्रण में होने के बाद शुरू कर दिया जाएगा।

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